चाइना को भारत और अन्य देशों से इतनी समस्या क्यों है।

चाइना को भारत और अन्य देशों से इतनी समस्या क्यों है।


पूरे विश्व में कोरोनावायरस लगातार बढ़ रहा है और इसका कोई भी अंत फिलहाल नहीं दिख रहा, लेकिन इस बीच चीन भारत और अपने अन्य पड़ोसी देश के साथ लगातार संबंध बिगाड़ रहा है यहां तक की जो छोटे देश है जैसे- वियतनाम, इंडोनेशिया, थाईलैण्ड, ताइवान आदि देशों के मछुआरों और उनकी जहाजों के ऊपर हमले भी कर रहा है।

इसी बीच भारत के साथ भी कुछ नोक झोंक देखा गया, जिसमे चीन के सैनिकों ने भारत कि जमीन पर आ गए फिर दोनों सेनाओं के बीच झड़प भी हुई और भारत के 4 व चीन के लगभग 10-12 सैनिक को गंभीर चोट लगी इसी के साथ दोनों देशों के कई अन्य सैनिकों को मामूली चोटे भी आयी।

इस झड़प के बाद चीन ने भारत के लद्दाख क्षेत्र में अपनी सीमा के अन्दर ही सेना के हेलीॉप्टरों को देखा गया, जिसके जवाब में भारत ने भी अपने लड़ाकू विमानों को अपनी सरहद में उड़ान के लिए भेजा जिसके बाद चीन के हेलीॉप्टर वापस चले गए।

इसी प्रकार अन्य देशों के साथ भी चीन कर रहा है लेकिन सारे देश भारत जितने सक्षम नहीं है कि चीन को उसकी ही भाषा में जवाब दे सके, लेकिन इन सभी छोटे देशों को अमेरिका, फ्रांस इटली व जर्मनी जैसे देशों का समर्थन प्राप्त है। जिसकी वजह से चीन पूरी तरह से अपने मंसूबे में कामयाब नही हो पा रहा है।
इसके अलावा कोरोावायरस के बाद चीन से लगभग सभी देशों की कंपनियां अपने कारोबार को भारत व अन्य देशों में ले जाने के लिए तत्पर हैं, जिसकी वजह से चीन को बड़ा संकट दिखाई दे रहा है।

भारत से चीन को सबसे ज्यादा समस्या इसलिए भी है क्योंकि अधिकतर कंपनियां अपना कारोबार भारत में ले जाना चाहती हैं। और भारत हर तरह से सभी कंपनियों को बेहतर skilled workers  उपलब्ध कराने में तथा अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराने में  सक्षम है।
चीन से बेहतर और कम खर्च में यदि मजदूर कहीं भी है,तो वह भारत ही है, भारत के पास 35 वर्ष से कम की आबादी लगभग 65% है जो की किसी भी कंपनी में काम करने के लिए सबसे जरूरी है, यह बात भी चीन के लिए सही नहीं है

चीन की चालाकी से सभी देश यहां तक की यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के देश भी भलीभांति परिचित है इस प्रकार चीन को अब उसके पैर जमाने का मौका बहुत ही कम है।
चीन के विकल्प के रूप में सभी कम्पनी किसी देश को ढूंढ रही है निश्चित तौर पर भारत सबसे आगे है और कंपनियों को भी किसी प्रकार की समस्या नहीं हो इसके लिए भी भारत सरकार सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ रही है।
सभी कंपनियां इससे भी अपने आप को भारत में महसूस कर रही है क्योंकि पूरे एशिया में भारत एक बड़ी शक्ति के रूप में अपने नाम को बनाए रखने में सक्षम है यही कारण है कि चीन को सबसे ज्यादा खतरा है तो वह भारत ही है। भारत चीन के साथ हामेशा से अच्छे रिश्ते चाहता है लेकिन वह हमेशा अपनी करतूतों से पीछे नहीं हटता। भारत ने अपने सिद्धांत पड़ोसी पहले पर चलने के लिए प्रतिबद्ध है जिसका फ़ायदा पाकिस्तान बांग्लादेश नेपाल, म्यामार मालदीव चीन व अन्य पड़ोसी देश को मिलता है। इस सिद्धांत में भारत अपने पड़ोसी देश की किसी भी संकट में सबसे पहले मदद करने के पक्ष में रहता है।

भारत को नुकसान पहुंचने के लिए चीन विभिन्न प्रकार की चाल चलता है लेकिन वह सफल नहीं हो पाता, इसके लिए वह पाकिस्तान के आतंकियों को भी सपोर्ट करता है (पाकिस्तान सरकार के जरिए) जिससे सबसे अधिक भारत व पाकिस्तान के अन्य पड़ोसी देश पीड़ित है।

चीन हर प्रकार से अपने पड़ोसी देश को नुकसान करता है पर यह संभव नहीं हो पाता।चीन को आज किसी भी देश का साथ नहीं मिल रहा क्योंकि चीन के वुहान से कोरोावायरस फैला है, और चीन ने किसी भी देश को इस वायरस से आगाह नहीं किया। जिसकी वजह से पूरा विश्व बहुत ही बड़े संकट से गुजर रहा है। 
चीन के ऊपर यह भी आरोप है कि कोरोावायरस चीन के प्रयोगशाला से फैला है और यह वायरस चीन ने जानबूझ कर प्रयोगशाला में बनाया है।
यह सारे आरोप इसलिए भी सिद्घ होते हैं क्योंकि चीन ने सभी देशों की इस वायरस की जांच की मांग को अस्वीकार करता आ रहा है, जबकि सारे देश एकजुटता से इस बात की मांग कर रहे हैं।

दूसरा चीन ने वायरस के फैलने के बाद किसी भी देश को इसके खतरे से परिचित नहीं होने दिया तथा सभी देशों की हवाई उड़ान को जारी रखा लेकिन अपने देश की सभी उड़ाने जो वुहान से पूरे चीन में हो रही थी उसे उसने बंद कर दिया था। क्योंकि वुहान से सारी हवाई उड़ान जारी थी इसलिए वुहान से लगभग 5 मिलियन लोग सभी देशों में यात्रा कर चुके थे जिसमे अमेरिका, इटलीव,र स्पेन, जर्मनी जाने वाले लोग सबसे अधिक थे। जिसकी वजह से इन  सभी देशों की स्थिति बहुत ही भयावह है।
 तीसरा इस वायरस की पोल खोलने वाले डॉक्टर की आवाज को भी दबाने कि कोशिश की, जिसने इस वायरस के खतरे को पूरे विश्व को परिचित कराया लेकिन बाद में उस डॉक्टर की मृत्यु कोरोावायरस से हो गई।
ऐसे और भी बहुत से बड़े बड़े कारण है जो चीन पर लगे आरोपों को सही साबित करते है।
चीन इन्हीं बातो से बौखलाया है और अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार रहा है व अपने पड़ोसी देशों के साथ साथ अन्य देशों से लगातार रिश्ते बिगाड़ रहा है।

आसा करता हूं आप सभी को पूरी कहानी स्पष्ट रूप से समझ आ गई होगी।

इसी के साथ मै आपसे विदा लेता हूं, घर पर रहिए, सुरक्षित रहिए धन्यवाद्।



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